Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2019 · 1 min read

सब की प्यारी कोयल हमारी

दिनांक 10/6/19

रूप रंग पर जाओ मत
मधुर वाणी है सब से मुख्य
कोयल की बोली से
मन हो उठे मयूर

कोयल के सब दीवाने
होती जब की वह कारी
बगिया में चहके जब वो
टूटे लोगों का ध्यान मगन

घुमे अमराई जब कोयल
कुहू कुहू से गूंजे बगिया
कृष्ण की बाजी बासुरिया
राधा डोले संग सखिया

सीख देती है सबक कोयल
काले गोरे का न भेद करो
सब है उस दाता के बच्चे
रहो मानव बन कर सच्चे

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भ्रांति पथ
भ्रांति पथ
नवीन जोशी 'नवल'
खरगोश
खरगोश
SHAMA PARVEEN
*बड़ मावसयह कह रहा ,बरगद वृक्ष महान ( कुंडलिया )*
*बड़ मावसयह कह रहा ,बरगद वृक्ष महान ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
■ आज का दोहा
■ आज का दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
🌷मनोरथ🌷
🌷मनोरथ🌷
पंकज कुमार कर्ण
' नये कदम विश्वास के '
' नये कदम विश्वास के '
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Keep saying something, and keep writing something of yours!
Keep saying something, and keep writing something of yours!
DrLakshman Jha Parimal
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
" तुम्हारी जुदाई में "
Aarti sirsat
है खबर यहीं के तेरा इंतजार है
है खबर यहीं के तेरा इंतजार है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
खिला हूं आजतक मौसम के थपेड़े सहकर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
गुप्तरत्न
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
तारीफ क्या करूं,तुम्हारे शबाब की
Ram Krishan Rastogi
भेड़ चालों का रटन हुआ
भेड़ चालों का रटन हुआ
Vishnu Prasad 'panchotiya'
लिखने से रह गये
लिखने से रह गये
Dr fauzia Naseem shad
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
फूल से आशिकी का हुनर सीख ले
Surinder blackpen
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
हिद्दत-ए-नज़र
हिद्दत-ए-नज़र
Shyam Sundar Subramanian
2386.पूर्णिका
2386.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आप हो
आप हो
Dr.Pratibha Prakash
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह जो कल किया
gurudeenverma198
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
Smriti Singh
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
Loading...