Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2018 · 1 min read

सब की दिवाली….

न ये तेरी न ये मेरी
ये सब की दिवाली है
ये अंधकार पर
प्रकाश के पर्व वाली है
यह सबके साथ मिलकर
बनाने वाली है
अंधेरा है जिस गरीब के घर मे
उसके आंगन मे दीप जला पाये
तो ही असल दिवाली है
लौटे थे प्रभु श्री राम वनवास काट
ये वो खुशियों वाली है
दूर हैं जो अपने गाँव कस्बों से
उनके वापस लौट आने वाली है
प्यार पाने और लुटाने वाली है
यही तो दिल वालों की दिवाली है
हर गली हर चौराहे पर दीप जलाएं
इस दिवाली खुशियों की बयार चलाएं
हर मन पावन और प्रसन्न हो सबके लिए
यह दिवाली सुख समृद्धि से सम्पन्न हो………..

#निखिल_कुमार_अंजान……

Language: Hindi
1 Like · 223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सोच की अय्याशीया
सोच की अय्याशीया
Sandeep Pande
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
मंगल दीप जलाओ रे
मंगल दीप जलाओ रे
नेताम आर सी
जाने वो कौन सी रोटी है
जाने वो कौन सी रोटी है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
कुछ नमी
कुछ नमी
Dr fauzia Naseem shad
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
सबला
सबला
Rajesh
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
ruby kumari
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
प्यार दीवाना ही नहीं होता
प्यार दीवाना ही नहीं होता
Dr Archana Gupta
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
🩸🔅🔅बिंदी🔅🔅🩸
Dr. Vaishali Verma
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/83.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बोला कौवा क्या करूॅं ,मोटी है आवाज( कुंडलिया)
बोला कौवा क्या करूॅं ,मोटी है आवाज( कुंडलिया)
Ravi Prakash
जिंदगी को खुद से जियों,
जिंदगी को खुद से जियों,
जय लगन कुमार हैप्पी
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
पाकर तुझको हम जिन्दगी का हर गम भुला बैठे है।
Taj Mohammad
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
"अकाल"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
प्रेम-प्रेम रटते सभी,
Arvind trivedi
#क़ता (मुक्तक)
#क़ता (मुक्तक)
*प्रणय प्रभात*
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़्याल
ख़्याल
Dr. Seema Varma
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
फ़ैसले का वक़्त
फ़ैसले का वक़्त
Shekhar Chandra Mitra
कलेवा
कलेवा
Satish Srijan
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
पूर्वार्थ
Loading...