Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2020 · 1 min read

“सब्र का बांध”

मेरी उम्मीद पर तू कभी खरा क्यों नहीं उतरता ।
??मुझे तकलीफ़ देने से क्या कभी तेरा मन नहीं भरता।
तेरी सारी बातों का असर मेरे चहरे पे दिखाने लगा है।
??अब तो सब्र का बांध मुझसे भी टूटने लगा है।

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 2 Comments · 632 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रदूषन
प्रदूषन
Bodhisatva kastooriya
2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ हिंदी सप्ताह के समापन पर ■
■ हिंदी सप्ताह के समापन पर ■
*Author प्रणय प्रभात*
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
जीभ
जीभ
विजय कुमार अग्रवाल
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ Rãthí
// दोहा ज्ञानगंगा //
// दोहा ज्ञानगंगा //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
!! एक चिरईया‌ !!
!! एक चिरईया‌ !!
Chunnu Lal Gupta
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
*सीढ़ी चढ़ती और उतरती(बाल कविता)*
Ravi Prakash
अलमस्त रश्मियां
अलमस्त रश्मियां
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
जीवन उत्साह
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
'उड़ाओ नींद के बादल खिलाओ प्यार के गुलशन
आर.एस. 'प्रीतम'
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
"प्रेम -मिलन '
DrLakshman Jha Parimal
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
पुरुष की अभिलाषा स्त्री से
Anju ( Ojhal )
प्रेम.......................................................
प्रेम.......................................................
Swara Kumari arya
"दबंग झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
खुबिया जानकर चाहना आकर्षण है.
शेखर सिंह
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नदी
नदी
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...