सब्जी की टोकरी
लाल ‘टमाटर’ आ गए हो,
‘आलू’ को तुम भा गए हो,
‘कद्दू’ भैया मोटा ताजा,
‘लौकी’ बहन दुबली-पतली सी,
भारी भरकम ‘कटहल’ जी ,
‘भिंडी’ हल्की नखरे वाली ,
तीखी होती ‘मिर्ची’ सारी ,
‘प्याज’ रुलाए आंँसू सारे,
‘फूलगोभी’ की मत है मारी ,
‘पत्ता गोभी’ की बनी तैयारी ,
‘बैगन’ राजा मजे में रहते ,
टोकरी में बैठे सजे रहते ,
सब्जी की टोकरी लेकर आओ ,
मांँ रसोई में पकाने को है बैठी ।
😁😁
✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश ,
मौदहा हमीरपुर ।