सब्जियाँ
बच्चों देखो खेत में अपने
झांक रही है भिंडी रानी।।
सूख ना जाए धूप कड़ी है
पौधों में डालो पानी।।
लाल टमाटर गोल-गोल है
करता है यह शैतानी।
अगर है खाना, पानी सींचो
करो न अपनी मनमानी।।
धम-धम गिरा है खेत में कद्दू
फूट न जाए ये मोटू।।
लौकी लंबी लटकी है और
काला बैगन है छोटू।।
अंदर से आलू चिल्लाए
मुझे निकलो अब बाहर।
मूली अदरक प्याज ये गाजर
खोद हमें ले जाओ घर।।
विजय बेशर्म