सबसे ज्यादा प्यार : किससे
सबसे ज्यादा प्यार मैं करता हूँ किससे
सवाल ये अजीब, पर लगता है सही जैसे
इतने रिश्ते नाते, किसका नाम लिखूं पहले
किसका उसके बाद लिखूँ, किसका बाद सबसे
क्या माँ का नाम लिखूँ पहले, जिसने मुझको जन्म दिया
या लिखूँ नाम पिता का पहले, जिसने बरगद सा छाँव दिया
लिखूँ पिता की छाँव यहां या लिख दूँ माँ की ममता का साया
चूँकि दोनों ने मिलकर ही, है मुझको ये जीवनदान दिया
लिखूँ बहन का नाम मैं पहले, जिसने राखी सा प्यार दिया
या भाई का नाम लिखूँ पहले, जिसने हरदम साथ दिया
लिखूँ भाई का साथ यहाँ पर या लिखूँ बहन का प्यार यहां
दोनों ने मिलकर ही मुझको, है बचपन का संसार दिया
लिखूँ गुरु का नाम मैं पहले, जिसने मुझको ज्ञान दिया
या लिखूँ मित्र का नाम मैं पहले, जिसनें मुझको मान दिया
लिखूं मित्र का मान यहाँ या लिखूँ गुरु का ज्ञान यहाँ
दोनों ने मिलकर ही मुझको, आगे का ये भान दिया
लिखूँ प्रिया का नाम मैं पहले, जिसनें मुझको स्नेह दिया
या भार्या का नाम लिखूँ मैं पहले, जिसने मुझको सम्मान दिया
लिखूँ प्रिया का स्नेह यहां या लिखूँ भार्या का सम्मान यहाँ
दोनों ने मिलकर ही मुझको, है ये स्नेह सम्मान दिया
इतना सब लिख कर भी ना मैं, बात एक ये जान सका
सबसे ज्यादा प्यार है किससे, ना क्यूं ये पहचान सका
सबसे ज्यादा प्यार मैं करता हूँ किससे
सवाल ये अजीब, पर लगता है सही जैसे
इतने रिश्ते नाते, किसका नाम लिखूं पहले
किसका उसके बाद लिखूँ, किसका बाद सबसे