सबसे ज्यादा पागल हूँ मैं
कोई आशिक पागल हूँ मैं
या आवारा बादल हूँ मैं
गीत सुनाता हूँ विरहा के
समझो, कितना घायल हूँ मैं
नग्मे छेड़े जो उल्फत के
उन नग्मों का कायल हूँ मैं
बरबादी का जश्न मनाऊं
सबसे ज्यादा पागल हूँ मैं
फैंक दिया यूँ मुझको तूने
जैसे टूटी पायल हूँ मैं
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