Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2024 · 1 min read

“सबक”

“सबक”
किसी को गिराने की गुस्ताखी ना करें।
हो सकता है उन्हीं की वजह से आप खड़े हों।

3 Likes · 3 Comments · 95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Dr.Pratibha Prakash
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
Ravikesh Jha
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
Indu Singh
दर्द ऐसा था जो लिखा न जा सका
दर्द ऐसा था जो लिखा न जा सका
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
“मंजर”
“मंजर”
Neeraj kumar Soni
सत्य मिलता कहाँ है?
सत्य मिलता कहाँ है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
मुक्तक – रिश्ते नाते
मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
खिलखिलाते हैं उसे देखकर बहुत से लोग,
Anand Kumar
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
प्रभु श्री राम
प्रभु श्री राम
Mamta Singh Devaa
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
gurudeenverma198
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
3674.💐 *पूर्णिका* 💐
3674.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"स्वतंत्रता के नाम पर कम कपड़ों में कैमरे में आ रही हैं ll
पूर्वार्थ
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
" धेले में "
Dr. Kishan tandon kranti
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
*यहॉं संसार के सब दृश्य, पल-प्रतिपल बदलते हैं ( हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
सफल हस्ती
सफल हस्ती
Praveen Sain
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
Ajit Kumar "Karn"
Loading...