Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2024 · 1 min read

“सबक”

“सबक”
शब्द हों चाहे जिन्दगी
सार्थक तभी तक है
जब वो व्यवस्थित हों।

2 Likes · 2 Comments · 42 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
आप तनाव में तनिक मत रहो,
आप तनाव में तनिक मत रहो,
Ajit Kumar "Karn"
Friend
Friend
Saraswati Bajpai
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
खुशामद किसी की अब होती नहीं हमसे
gurudeenverma198
बेबसी जब थक जाती है ,
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
जिन्दगी यह बता कि मेरी खता क्या है ।
Ashwini sharma
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
संभावना
संभावना
Ajay Mishra
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
गंगा- सेवा के दस दिन..पांचवां दिन- (गुरुवार)
Kaushal Kishor Bhatt
भावना का कलश खूब
भावना का कलश खूब
surenderpal vaidya
में बेरोजगारी पर स्वार
में बेरोजगारी पर स्वार
भरत कुमार सोलंकी
एक है ईश्वर
एक है ईश्वर
Dr fauzia Naseem shad
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है
मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है
Ritu Asooja
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बेइंतहा सब्र बक्शा है
बेइंतहा सब्र बक्शा है
Dheerja Sharma
आज का वक्त कभी गुजरे
आज का वक्त कभी गुजरे
रेवा राम बांधे
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
"छछून्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
🙅कड़वा सच🙅
🙅कड़वा सच🙅
*प्रणय प्रभात*
।। निरर्थक शिकायतें ।।
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
फूल सूखी डाल पर  खिलते  नहीं  कचनार  के
फूल सूखी डाल पर खिलते नहीं कचनार के
Anil Mishra Prahari
*कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है (राधेश्यामी छंद)
*कोई जीता कोई हारा, क्रम यह चलता ही रहता है (राधेश्यामी छंद)
Ravi Prakash
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ
गुमनाम 'बाबा'
Loading...