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1 Feb 2024 · 1 min read

*सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )*

सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम (कुंडलिया )
______________________
सबके मन में आस है, चलें अयोध्या धाम
प्राण-प्रतिष्ठित हैं जहॉं, दशरथनंदन राम
दशरथनंदन राम, जन्म-भू देखें प्यारी
त्रेता-सी तस्वीर, अयोध्या जग से न्यारी
कहते रवि कविराय, नयन प्यासे हैं कब के
देखें प्रभु छवि श्याम, हृदय में है यह सब के
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451

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