Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।

सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
मेरे सारे जज्बात मर गए,

और
बस मै जीने के लायक नहीं रह गया।।

12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
When winter hugs
When winter hugs
Bidyadhar Mantry
"उल्लू"
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
डर लगता है।
डर लगता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
Ajit Kumar "Karn"
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
आया दिन मतदान का, छोड़ो सारे काम
Dr Archana Gupta
मनुख
मनुख
श्रीहर्ष आचार्य
पल
पल
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
अधूरे सवाल
अधूरे सवाल
Shyam Sundar Subramanian
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चांद का टुकड़ा
चांद का टुकड़ा
Santosh kumar Miri
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
सब को जीनी पड़ेगी ये जिन्दगी
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आखिर तो हूँ एक
आखिर तो हूँ एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
रोटी की क़ीमत!
रोटी की क़ीमत!
कविता झा ‘गीत’
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कितना और बदलूं खुद को
कितना और बदलूं खुद को
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चन्द ख्वाब
चन्द ख्वाब
Kshma Urmila
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
पूर्वार्थ
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
shabina. Naaz
सूर्य तम दलकर रहेगा...
सूर्य तम दलकर रहेगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
" शिखर पर गुनगुनाओगे "
DrLakshman Jha Parimal
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
Loading...