सफेद चादर
धरती ने ओढ़ ली है आज
फिर से बर्फ की सफेद चादर
जिस तरफ जाती है ये नज़र
दिखती है सिर्फ बर्फ की सफेद चादर
बर्फ के मोटे मोटे फाहे
जब गिरते है आसमान से
ऐसा लगता है मानो हो रही हो
आसमान से रुई की बारिश
देखकर सभी चेहरे मुस्कुराते है
बर्फ के फाहे जब धरती पर आते है
बच्चे भी पूरा मज़ा लेते है बर्फ से खेल कर
और जब बर्फ के आदमी बनाते है
बर्फ में चलना मुश्किल है मगर
बर्फ में संभला मुश्किल है मगर
बर्फ में रुकना मुश्किल है मगर
फिर भी राहगीर बना लेते है डगर
जहां गिरे जीवन थमा देता है
विशालकाय पेड़ों को गिरा देता है
लेकिन इन्सान को कौन रोक सका है
बर्फ काटकर वो रास्ता बना ही लेता है
चांद की दूधिया रोशनी से
रात को भी चमक रहा है
सूर्य की किरणे पड़े सुबह तो
उजाला भी चमक रहा है
दृश्य जितना मनोरम है
जीवन उतना ही कठिन है
जम जाता है सब कुछ
जीवन की राह कठिन है