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19 Oct 2021 · 1 min read

सफाई (बाल कविता)

सफाई (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■
जग्गू दादा चले सड़क पर
मूँगफली को खाते ,
चले जा रहे दाने खा कर
छिलकों को बिखराते

बोला कोई तभी
“गंदगी किसने है फैलाई ?”,
जग्गू दादा बोले डरकर
“सॉरी – सॉरी भाई ”

झटपट हाथों से बटोर कर
छिलके सभी उठाए,
जग्गू दादा हाँफ-हाँफ कर
भागे घर को आए
■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451

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