“सफ़ीना हूँ तुझे मंज़िल दिखाऊँगा मिरे ‘प्रीतम’ “सफ़ीना हूँ तुझे मंज़िल दिखाऊँगा मिरे ‘प्रीतम’ इबादत का सलामत से हृदय में नाद रख लेना” आर.एस.’प्रीतम’