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8 Apr 2024 · 1 min read

“सफ़र”

“सफ़र”
जिन्दगी मौत की मंजिल का
एक सफ़र है,
कुछ कर्म औ’कुछ दुआओं का
असर है।
जरूर मुकम्मल होता है
सफ़र एक दिन,
हर अन्धेरों के बाद मिलता
एक सहर है।

3 Likes · 3 Comments · 92 Views
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