सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
उसे मेरी मुझे उसकी रहे हरपल ख़बर कोई
बुरी नज़रें हमेशा घूरती हैं देख ख़ुश मुझको
कभी देखे तमन्ना है मुहब्बत की नज़र कोई
आर. एस. ‘प्रीतम’
सफ़र आसान हो जाए मिले दोस्त ज़बर कोई
उसे मेरी मुझे उसकी रहे हरपल ख़बर कोई
बुरी नज़रें हमेशा घूरती हैं देख ख़ुश मुझको
कभी देखे तमन्ना है मुहब्बत की नज़र कोई
आर. एस. ‘प्रीतम’