“सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
“सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं के पता चल जाने में होती है इसके बाद तो एक प्रक्रिया है जिससे गुजरना भर होता है। एक कबूतर में जन्म के पहले दिन से उड़ना होता है। उड़ पाना यदि उसका सफल होना है तो इसके लिए उसे जिन्दगी का एक मिनट भी इस चिन्ता में गंवाने की जरुरत नहीं। वो सफल है ही, उसे तो बस निश्चिंतता के साथ प्रयासों से इसे बाहर लाना है। यहाँ तक कि किसी नवजात कबूतर के पँख आप बाँध भी दें और उन्हें कुछ महीनों या यहाँ तक की कुछ सालों के बाद भी खोलें तो भी उसमें उड़ना रहेगा। और जिस दिन भी आप उसे बन्धन मुक्त करेंगे वह उड़ पाने में सक्षम होगा।
इसी तरह आप भी इस क्षण जिन्दगी के चाहे जिस भी मोड़ पर खड़े हैं आप की सफलता निश्चित है यदि आप अपनी सम्भावनाओं को जान और मान लें।”
– आप जैसा कोई नहीं