* सफर जिंदगी का *
आसां नहीं सफर जिंदगी का
हर पल इम्तेहाँ होता है ।
दिल जान लगा दे जो अपनी
वही इंसान कामयाब होता है ।
सफर ये जिंदगी का
हर पल इम्तेहाँ होता है ।
कभी सुख तो कभी दुःख
हर शय से पाला पड़ता है ।
कभी हार तो कभी जीत
हर राह से गुजरना पड़ता है ।
सफर ये जिंदगी का
हर पल इम्तेहाँ होता है ।
रंग अनेकों है जीवन के
हर रंग में ढलना पड़ता है ।
बहते पानी सा है जीवन
पत्थर चिर के बहना पड़ता है ।
सफर ये जिंदगी का
हर पल इम्तेहाँ होता है ।
कुछ पल ऐसे भी आते हैं
जीने से मन भर जाता है ।
जीवन तो जीवन है “नीलम”
हर दर्द से गुजरना पड़ता है ।
सफर ये जिंदगी का
हर पल इम्तेहाँ होता है ।