*”सफर ए मंजिल”*
जिंदगी के सफर में मुश्किलें हजारों हैं ,
बहुत दूर है मंजिल और रास्ते हजारों हैं ।
मत सोचना के रास्ता भटक जाएंगे ,
मजबूत हैं इरादे तो उम्मीदें हजारों हैं ।।
कब तक जीवन में अँधेरे का अधिकार रहेगा ?
आज नहीं तो कल सवेरा होकर ही रहेगा ।
लग्न हो सच्ची तो मुश्किलों की क्या बिसात ,
काँटों से भी रास्ता सफर में मिलता ही रहेगा ।।
जितनी अँधेरी रात उतना सवेरा पास ,
रख होंसला दिल में , ना होना उदास ।
आज अंधेरों ने घेरा लिया हमें तो क्या ?
जल्द ढलेगी काली रात और होगा प्रकाश ।।
आगे बढाएंगे कदम तो सिमटेंगी दूरियां ,
हिम्मत के आगे हार जाएंगी मजबूरियां ।
मिले ना मंजिल तब तक रुकेंगे नहीं ,
रुकेंगे तभी जब विजेता कहेगी दुनिया ।।