सपनों के पंख
ज़िंदगी मेरी है यारो,
तो उम्मीद भी मेरी है,
इसलिए आगे बढ़ने की
ज़िद भी मेरी है।
कोई साथ हो ना हो,
कोई साथ दे ना दे,
हार अगर मेरी है,
तो जीत भी मेरी है यारो।
कभी अपने सपनों को
हक़ीक़त की दुनिया दिखाओ,
सपने देखो और उनको,
पूरा करके दिखाओ,
ख़ुद को इस दुनिया में
भरपूर आज़माओ,
अपने सपनों और
तमन्नाओं के पंख फैलाओ।
चाहे लाख मुसीबतें
रास्ता रोकें तुम्हारा,
पर उम्मीदों के सहारे
आगे बढ़ते जाओ।