Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

सपना(बच्चों के भाव)

प्यारे प्यारे हमारे सपने
सच अगर हो जाते
मस्त होकर हम
सबको रोज़ सुनाते

हम अगर पक्षी होते
आसमान की सैर कर आते

चंदा मामा बनकर
सितारों से मिल आते

होते अगर हम सुंदर फूल
बग़ीचे को ख़ूब महकाते

चिड़ियाँ जैसे पंख फैलाकर
पैडों की डाली पर रैन बसेरा हम बसाते

नदियों जैसा जीवन होता
ख़ूब मस्ती से नाव चलाते

रंग बिरंगी मछली होते
जल में रहकर शोर मचाते

आसमान से बारिश बनकर
धरती मैया को भिगो जाते

होते हम अगर तितली
सब फूलों का रस पी जाते

67 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Vaishali Verma
View all
You may also like:
प्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मैं अकेला ही काफी हू  जिंदगी में ।
मैं अकेला ही काफी हू जिंदगी में ।
Ashwini sharma
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
कभी परिश्रम का मत करो दिखावा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3195.*पूर्णिका*
3195.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ ....लघु कथा
माँ ....लघु कथा
sushil sarna
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
हम पर एहसान
हम पर एहसान
Dr fauzia Naseem shad
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
54….बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसम्मन मुज़ाफ़
sushil yadav
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय*
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
" गूंगापन "
Dr. Kishan tandon kranti
*छह माह (बाल कविता)*
*छह माह (बाल कविता)*
Ravi Prakash
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
नई जैकेट , पुराने जूते
नई जैकेट , पुराने जूते
Shashi Mahajan
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम।
Manisha Manjari
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
Kanchan Alok Malu
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...