सदगुरू
जिन्हें नहीं है स्वयं भरोसा
गुरु अलग वो खोजते
अदला-बदली के चक्कर में
आत्म विकास रोकते
सुनते हैं जिसकी भी महिमा
लगता है श्रेष्ठ वही
श्रृद्धा और विश्वास बिना
गुरु खोज निष्फल सही
चमत्कार दिखलाने वाले
यदा कदा मिल जाते
जो गुरु बदले जीवन शैली
मुश्किल से मिल पाते
गुरु नहीं सदगुरू होते वह
विद्या के भंडारी
आत्मा का परिचय करवाते
परमात्मा से यारी
चमत्कार की नहीं जरूरत
सिद्ध हस्त जो होते
भौतिक सुख के नहीं पक्षधर
राम जाप हित गोते
जिनके मन विश्वास जागता
मिलता उन्हें कल्याण
गुरू रूप भगवान हमारे
संकल्प युग निर्माण ।।
राजेश कौरव सुमित्र