Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

!! सत्संग !!

आज न जाने कितने होते
सत्संग, हमारे आस पास
और दुनिया भी आती आपार
पर क्या सच्चा है ये संसार

सुनते तो हैं खूब मन से
पर विचारते नहीं मन से
घर पर आकर फिर करते
मनमानी और विचरते तन में

कहते सुना होगा फिर वो ही
चुगली , निंदा, अपमान
करते नहीं थकते वो कभी भी
अपने मुख से अपना बखान

घर में नहीं रखते शांति अपने
वहां करते सेवा जाकर अपार
गर यह भावना पैदा हो घर में
तो सदा उनका सुखी रहे घरद्वार

सत्संग सुनने का फायदा है तब
जब उसका असर रहे हर घर
मानुष के जन्म में आये हो
सोच समझ के सत्य का संग

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
"चुल्लू भर पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्त को रोज रोज
दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
ruby kumari
काश.! मैं वृक्ष होता
काश.! मैं वृक्ष होता
Dr. Mulla Adam Ali
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/173.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
*क्या हाल-चाल हैं ? (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
Suneel Pushkarna
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
India is my national
India is my national
Rajan Sharma
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
महफ़िल में गीत नहीं गाता
महफ़िल में गीत नहीं गाता
Satish Srijan
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
“SUPER HERO(महानायक) OF FACEBOOK ”
DrLakshman Jha Parimal
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
दिल-ए-साकित सज़ा-ए-ज़िंदगी कैसी लगी तुझको
Johnny Ahmed 'क़ैस'
इश्किया होली
इश्किया होली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
💐अज्ञात के प्रति-123💐
💐अज्ञात के प्रति-123💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
एक व्यथा
एक व्यथा
Shweta Soni
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
जीवन मंथन
जीवन मंथन
Satya Prakash Sharma
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
Sapna Arora
किरदार अगर रौशन है तो
किरदार अगर रौशन है तो
shabina. Naaz
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#दिवस_विशेष-
#दिवस_विशेष-
*Author प्रणय प्रभात*
सफ़र
सफ़र
Shyam Sundar Subramanian
लाल बचा लो इसे जरा👏
लाल बचा लो इसे जरा👏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन की किताब
मन की किताब
Neeraj Agarwal
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
नारी शिक्षा से कांपता धर्म
Shekhar Chandra Mitra
दिनांक:- २४/५/२०२३
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
फिर क्यों मुझे🙇🤷 लालसा स्वर्ग की रहे?🙅🧘
डॉ० रोहित कौशिक
Loading...