Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2024 · 1 min read

सत्य

सनातन सत्य नाम
ईश्वर आत्मा का धाम
दोनों पक्ष भूलकर ,
सत्य सब खोजते ।

सत्य कहना आसान,
स्वीकारें वही महान,
सत्य सनातन पथ,
सत्यवादी दौडते ।

जिनको होता विश्वास,
भविष्य जगाता आस,
सत्य सदा आचरण ,
राह नहीं छोडते ।

जीव अंश परमात्मा,
अमर होती आत्मा ,
जिन्दगी एक घटक,
पुण्य फल जोडते ।

राजेश कौरव सुमित्र

1 Like · 44 Views
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
बचपन के दिन
बचपन के दिन
Surinder blackpen
हर शक्स की एक कहानी है ।
हर शक्स की एक कहानी है ।
PRATIK JANGID
युँ खुश हूँ मैं जिंदगी में अपनी ,
युँ खुश हूँ मैं जिंदगी में अपनी ,
Manisha Wandhare
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
मैंने अब रूठना छोड़ दिया क्योंकि मनाने वाला ही रुठ गया।
Aisha mohan
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
डॉ. दीपक बवेजा
तुमको एहसास क्यों नहीं होता ,
तुमको एहसास क्यों नहीं होता ,
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कविता
मेरी कविता
Jai Prakash Srivastav
आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
रामराज्य का आदर्श
रामराज्य का आदर्श
Sudhir srivastava
मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है
मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है
Atul "Krishn"
बिछड़ गए साथी सब
बिछड़ गए साथी सब
SATPAL CHAUHAN
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Discover the Tranquility of Jungle House in Mukteshwar
Rakshita Bora
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
- अब तक था में आम अब खास हो जाऊं -
- अब तक था में आम अब खास हो जाऊं -
bharat gehlot
बहुत दर्द है, असहनीय पीड़ा,
बहुत दर्द है, असहनीय पीड़ा,
लक्ष्मी सिंह
बाल कविता मोटे लाला
बाल कविता मोटे लाला
Ram Krishan Rastogi
3182.*पूर्णिका*
3182.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
*जिंदगी मुझ पे तू एक अहसान कर*
sudhir kumar
देश से दौलत व शोहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शोहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
आपके व्यवहार से...
आपके व्यवहार से...
आर एस आघात
चले चलो
चले चलो
TARAN VERMA
छंद
छंद
दीपक झा रुद्रा
" इलाज "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...