सत्य साधना -हायकु मुक्तक
साधना रत,
हम पथिक जन,
सत्यपथ के.
सत्य साधक,
सभी आविष्कारक,
तथ्यपथ के.
मन मयूरा,
नाचता बेशर्म हो,
अनवरत.
शांत चित्त हों,
हम पथिक जन,
नृत्य पथ के.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
8/219 विकास नगर, लखनऊ,226022
9450022526