सत्य शुरू से अंत तक
प्रथम सत्य का पाठ बच्चों को,माता पिता ही पढ़ाते हैं।
झूठ बोलना नहीं चाहिए,कहकर सत्य की खोज में जाते हैं।।
आज दिलों में हम लोगों के,सत्य की लौ को जगाते हैं।
सत्य अटल है सत्य शाश्वत, हम इसे बदल नहीं पाते हैं।।
सत्य की राह में कांटे ही कांटे,फूल नहीं हम पाते हैं।
अक्सर लोग सत्य की राह से भटक भी जल्दी जाते हैं।।
इस कठिन यात्रा का आनंद अंत तक चंद लोग ही पाते हैं।
जो पाते हैं आनंद वही तो अंतिम सत्य को पहचान पाते हैं।
अंतिम सत्य को पहचान गये,कभी वो झूठ बोल नहीं पाते हैं।।
जन्म से खोज जो शुरू हुई थी,मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य बताते हैं।
हर व्यक्ति मृत्यु पाकर ही सत्य की खोज खत्म कर पाते हैं।।
कहे विजय बिजनौरी जीवन में जो सत्य सभी अपनाते हैं।
हर उलझन से दूर रहकर अपने जीवन को सफल बनाने हैं।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।