सत्य क्या है?
मनुष्य यह मनुष्य को भी सत्य मान बैठा है ,सब कुछ जानते हुए भी अनजान यह मनुष्य बनता है।
बल्कि मनुष्य को सब पता है ,कि मृत्यु ही सत्य हैं फिर भी उसे अनसुना अनदेखा कर देता है।
सबसे बड़ा सत्य जीवन में ईश्वर है ,कोई उसे सत्य मानता है तो कोई असत्य हैं।
अभी भी समय है सुधर जा रे मनुष्य ,जीवन का सबसे बड़ा सत्य ईश्वर है।
इस संसार में जो दिखाई देता है, वह सत्य नहीं है मनुष्य मनुष्य के अंदर जो ईश्वर है वह सत्य हैं जो हमें दिखाई नहीं देते वही तो सत्य हैं कौन सा स्थान सत्य है जहां ईश्वर का गुणगान हो वही स्थान सत्य है ईश्वर की कथाएं जहां हो रही हो वह स्थान सकते हैं ईश्वर का नाम जब जहां हो रहा हो वह स्थान सत्य है और वह मनुष्य सत्य है जो तन मन धन से ईश्वर के चरणों में समर्पित है।
✍️वंदना ठाकुर ✍️