– सड़क पर चलता राहगीर –
– सड़क पर चलता राहगीर –
राह में चलता एक नागरिक,
राह अपनी निहार रहा,
मिल जाए उसको उसकी मंजिल मन में वो विचार रहा,
कर रहा किसी का इंतजार ,
जो करा दे उसके राह पार,
राहगीर की बस यही थाह,
कोई करा दे उसको उसके राह की मंजिल आसान,
सफर नही होता आसान,
करना पड़ता है उसको अपने बलबूते पर परिश्रम की कसौटी पर खरा उतरने का रखे जो भान,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान संपर्क -7742016184