Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2017 · 1 min read

सज संवर सजनी करे मनुहार है

गजल
☞☜☞
सज संवर सजनी करे मनुहार है
भौंह से भौंहों करे इजहार है

सतरंगी परिधान कटि पर डाल कर
चाल नदिया सी चले ज्यों धार है

कर प्रणय का नम निवेदन मूक हो
नैन में ही वो करे इकरार है

देख आभा उस तरूणी की तभी
सोच लगते है कि जीवन हार है

सीख लो तरूणी पगों होना खड़ा
आज लड़कों का लगा बाजार है

हर अदा उसकी लुभाती जब रही
वक्त हर उसकी रही पुचकार है

बाप माँ सब छोड़ कर बस साथ में
काट लूँ जीवन यही अब सार है

पास आता देख बोली अब पिया
प्यार तेरा तो मुझे स्वीकार है

डॉ मधु त्रिवेदी

73 Likes · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
*राजा रानी हुए कहानी (बाल कविता)*
*राजा रानी हुए कहानी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
3697.💐 *पूर्णिका* 💐
3697.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इस तरह भी होता है
इस तरह भी होता है
हिमांशु Kulshrestha
■ आखिरकार ■
■ आखिरकार ■
*प्रणय*
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
कामयाब लोग,
कामयाब लोग,
नेताम आर सी
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
Sunil Maheshwari
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
प्रेम अब खंडित रहेगा।
प्रेम अब खंडित रहेगा।
Shubham Anand Manmeet
ऐ ज़िंदगी।
ऐ ज़िंदगी।
Taj Mohammad
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
कोशिशें हाथ
कोशिशें हाथ
Dr fauzia Naseem shad
प्रभु राम अवध वापस आये।
प्रभु राम अवध वापस आये।
Kuldeep mishra (KD)
*पीता और पिलाता है*
*पीता और पिलाता है*
Dushyant Kumar
फूल
फूल
Punam Pande
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
सत्य कुमार प्रेमी
* खूब कीजिए प्यार *
* खूब कीजिए प्यार *
surenderpal vaidya
There are instances that people will instantly turn their ba
There are instances that people will instantly turn their ba
पूर्वार्थ
खुद को संवार लूँ.... के खुद को अच्छा लगूँ
खुद को संवार लूँ.... के खुद को अच्छा लगूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पिता
पिता
sushil sarna
"रंग का मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9bet là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến uy tín
i9betsfarm
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
सच तो आज न हम न तुम हो
सच तो आज न हम न तुम हो
Neeraj Agarwal
Loading...