Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2024 · 1 min read

सज़ल

शीत में वातावरण यूँ गल रहा है।
लुकाछिपी करके सूरज छल रहा है।

हो गयी है रात लम्बी इस तरह कि ।
शाम में ढ़लने को दिन मचल रहा है।

प्रकृति भी कुहरे की चादर ओढ़कर ।
गलन में उसे कँपकँपाना खल रहा है।

श्वेत पालों ने बिगाड़ा रूप पल्लव ।
रंग फूलों का भी जैसे बदल रहा है।

अव्यवस्थित सबका जीवन हो गया है।
बर्फ में मन जैसे सबका जल रहा है।

“महज़ ” मुखड़ा दीखता है मनुज का I
कपड़े इतने पहनकर वो चल रहा है।

Language: Hindi
1 Like · 137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahendra Narayan
View all
You may also like:
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
..
..
*प्रणय*
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
कागज़ से बातें
कागज़ से बातें
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
इश्क़ किया नहीं जाता
इश्क़ किया नहीं जाता
Surinder blackpen
सिर्फ जो उठती लहर व धार  देखेगा
सिर्फ जो उठती लहर व धार देखेगा
Anil Mishra Prahari
खाली सी सड़क...
खाली सी सड़क...
शिवम "सहज"
गीत- हृदय को चैन आता है...
गीत- हृदय को चैन आता है...
आर.एस. 'प्रीतम'
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
जिन्दगी में कभी रूकावटों को इतनी भी गुस्ताख़ी न करने देना कि
Chaahat
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
चीरता रहा
चीरता रहा
sushil sarna
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
कुछ मासूम स्त्रियाँ!
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
फ़लसफ़े - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप
कवि रमेशराज
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
जिंदगी भर की कहानी यही है
जिंदगी भर की कहानी यही है
Shweta Soni
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
*कैसे भूले देश यह, तानाशाही-काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
भारतवर्ष महान
भारतवर्ष महान
surenderpal vaidya
तीसरी आंख को समझने के सरल तरीके, और जागृत कैसे करें, लाभ व उद्देश्य। रविकेश झा
तीसरी आंख को समझने के सरल तरीके, और जागृत कैसे करें, लाभ व उद्देश्य। रविकेश झा
Ravikesh Jha
कोई मरहम
कोई मरहम
Dr fauzia Naseem shad
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
"यही दुनिया है"
Dr. Kishan tandon kranti
Grandma's madhu
Grandma's madhu
Mr. Bindesh Jha
कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही गठबंधन बनाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
Rj Anand Prajapati
Loading...