सच
शीर्षक – सच
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सच हम तुम संग साथ रहते हैं।
न साथ निभाने का वादा करते हैं।
जिंदगी और जीवन में सच हैं।
सच तो जीवन में हम नहीं हैं
बस यादों के साथ हम रहते है।
जिंदगी ही तो हम सबके साथ हैं।
आज बस न कल पल साथ हैं।
इश्क और चाहत हो जाती हैं।
वेवफाईयां क्यूं बन जाती हैं।
सच तो क्या यही जिंदगी कहते है।
न कल न पल का हमको पता हैं।
सच संसारिक मोह-माया रहती हैं।
आओ सच तो हम सभी जानते हैं।
सच तो सच की राह पर चलते हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र