** सच तो सच है **
सच मैं किसको कहूं
जो दिखाई देता है उसे
या जो समझ में नहीं आता
जो समझ में नही आता
फिर उसको क्या नाम दूं
सच तो सच है
चाहे उसका हो चाहे अपना
पर अपना मैं किसको कहूं
जो लगता अपना है या
जो सपना है
सपना हक़ीक़त बयां नहीं करता
फिर सपना अपना हुआ क्या
अगर नहीं हुआ अपना तो
सपना फिर किस काम का
मैं जिसे अपना कहता हूं
क्या वो अपना हुआ कभी
सच मै किसको कहूं
जो दिखाई देता है या
फिर जो ख़्वाब है
सच तो सच है अगर
सच्चे दिल से समझे हम ।।
?मधुप बैरागी