सच कहकर
अपने मन को यूं ही मत भरमाओ जी।।
गीत वफ़ा के एक दफ़ा तो गाओ जी।।
खूब चलाओ गोली सीमा पर जाकर।।
पर किसान पर गोली नही चलाओ जी।।
दिन भर जाने क्या क्या लिखते पढ़ते हैं।
बच्चों को भी ख़त लिखना सिखलाओ जी।
उनने रेता खाई बजरा लील गए।।
आप चिरौंजी नरियल नुक्ती खाओ जी।।
वोट मांगने सुनो बाद में तुम आना।
पहले अच्छे दिन लेकर के आओ जी।।
मैं तो जन्मों कई जन्मों का प्यासा हूँ।
बादल बनकर मेरे दिल पर छाओ जी।।
चोर सभी हैं “विजय” ये कुर्सी के भूखे।
हिम्मत है तो सच कह कर दिखलाओ जी।।
विजय बेशर्म कल्याणपुर
9424750038