“सच और झूठ”
“सच और झूठ”
झूठ तो झूठ है जी
जोर से ना बोल,
सच सामने आ करके
खोल देगा पोल।
फिर खटिया खड़ी होकर
होगा बिस्तर गोल,
झूठ कभी भारी न होता
चाहे जैसा तोल।
“सच और झूठ”
झूठ तो झूठ है जी
जोर से ना बोल,
सच सामने आ करके
खोल देगा पोल।
फिर खटिया खड़ी होकर
होगा बिस्तर गोल,
झूठ कभी भारी न होता
चाहे जैसा तोल।