सच्चे मित्र की पहचान
मित्र वही जो बुरे वक्त पर तुम्हारे काम आए।
बने सुख दुख का साथी सच्चा मित्र कहलाए।।
बन जायेगे सभी मित्र जब दौलत है होती।
बने उस वक़्त वह मित्र जब ग़रीबी है होती।।
देते है इसलिए कृष्ण सुदामा का वे उदाहरण।
एक था राजा दूसरा था गरीब बेचारा ब्राह्मण।।
मित्र वही हैं जो तेरे आंसू देख खुद रो जाए।
मिले एक रोटी दोनों बाट आधी आधी खाए।।
खून के रिश्ते से मित्रता का रिश्ता बड़ा है होता।
दुनिया के हर रिश्ते से ये रिश्ता अलग है होता।।
मित्र वही है जो एक आंसू से तुम्हे नहला दे।
बुरे वक़्त और बीमारी पर तुमको सहला दे।।
मित्र वही है जो तुमको रोते हुए भी बहला दे।
खुद न खाकर अपने मुंह का गस्सा तुम्हे खिला दे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम