सच्ची मेहनत कभी भी, बेकार नहीं जाती है
जाती नहीं बेकार कभी भी, की गई सच्ची मेहनत।
मिलता है फल जरूर, यदि की है दिल से मिन्नत।।
जाती नहीं बेकार कभी—————————-।।
हमको बस ख्याल यही हो, काम बस बुरा नहीं हो।
लाता है बहार पसीना, आये चाहे कैसी भी मुसीबत।।
जाती नहीं बेकार कभी—————————-।।
बोये कितने भी नश्तर, लोग चाहे राहो- मंजिल में।
मिल जाती है मंजिल भी, हो चाहे किसी भी किस्मत।।
जाती नहीं बेकार कभी—————————-।।
जीत तो होती है एक दिन, सच- ईमानदारी की ही।
मिलती है इज्जत सभी से, की हो यदि सच्ची मोहब्बत।।
जाती नहीं बेकार कभी—————————-।।
बदनामी और हंसी करेंगे, देखकर तुमको अकेला।
हारे नहीं हिम्मत यदि तो, मिल भी जाती है जन्नत।।
जाती नहीं बेकार कभी—————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)