सच्चा प्यार
“सच्चा प्यार”
प्यार प्यार का ढिंढोरा तो जग में सब पीटते हैं,
सच्चा प्यार करने वाले ही इसमें लंबा टिकते हैं।
आंखों आंखों में जिसका इजहार होता है,
सबसे अनुपम वो प्यार होता है।
न लब खुलें न दोनों देह मिले,
बस दिलों में मोहब्बत के फूल खिले।
एक दूजे से न मिलने की आस हो,
ना ही उनमें मधुर मिलन की प्यास हो।
कितनी हो दोनों में दूरियां पर भी दिल से पास हो,
प्रेमातुर हृदयों के बीच ऐसा खूबसूरत अहसास हो।
डूबकर देखो तो लगे जैसे विशाल सागर मंथन है,
प्रेम दिखावे की वस्तु नहीं एहसासों का बंधन है।
✍️ मुकेश कुमार सोनकर,
रायपुर छत्तीसगढ़