सच्चाई (लघु लेख)
मरने के बाद और समय गुजरने के साथ इंसान के कार्यों का मूल्यांकन होता है और यही उसकी पहचान बनते हैं उसे मान – अपमान दिलाते है । पद और ताकत के बल पर इंसान अपना वर्तमान बदल सकता है पर भविष्य नहीं । यही कटु सत्य है ।
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल