Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2021 · 1 min read

सख्ती है बहुत जरूरी ..

सांप अगर फुफकारना छोड़ दे ,
उसे लोग मामूली कीड़ा समझ लेते है ।
शेर अगर दहाड़ना छोड़ दे तो ,
तो लोग उसे बिल्ली समझ लेते है।
बहुत जरूरी आज के जमाने में थोड़ा सख्त होना,
वरना लोग उसे कमज़ोर समझ लेते हैं।
शराफत की तो बात करना ही फिजूल है ,
लोग आज के समय में फटकार की जुबान,
ही जायदा समझते है ।

Language: Hindi
1 Like · 164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
** सीने पर गहरे घाव हैँ **
** सीने पर गहरे घाव हैँ **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
वतन से हम सभी इस वास्ते जीना व मरना है।
सत्य कुमार प्रेमी
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
हर दिन एक नई शुरुआत हैं।
Sangeeta Beniwal
When you become conscious of the nature of God in you, your
When you become conscious of the nature of God in you, your
पूर्वार्थ
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
..........
..........
शेखर सिंह
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
वक्त तुम्हारी चाहत में यूं थम सा गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वर्षा
वर्षा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
ज़िंदा दोस्ती
ज़िंदा दोस्ती
Shyam Sundar Subramanian
चलो रे काका वोट देने
चलो रे काका वोट देने
gurudeenverma198
दिखने वाली चीजें
दिखने वाली चीजें
Ragini Kumari
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
उन व्यक्तियों का ही नाम
उन व्यक्तियों का ही नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
🙅इतिहास गवाह है🙅
🙅इतिहास गवाह है🙅
*प्रणय प्रभात*
" बोझ "
Dr. Kishan tandon kranti
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
बह्र - 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
Neelam Sharma
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
*देह बनाऊॅं धाम अयोध्या, मन में बसते राम हों (गीत)*
Ravi Prakash
4073.💐 *पूर्णिका* 💐
4073.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सूरज
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
“गुरु और शिष्य”
“गुरु और शिष्य”
DrLakshman Jha Parimal
मैं कुछ सोच रहा था
मैं कुछ सोच रहा था
Swami Ganganiya
Loading...