Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2020 · 1 min read

सखा मेरा , मुझको प्यारा

जिसको कहता मैं मित्र ।
दिल मे रखता उसका चित्र ।।
वो मेरा होता है अभिन्न ।
कैसे फिर मैं हो जाऊँ भिन्न ।।

अगर वो दुःख से पीड़ित ।
कैसे फिर मैं हो जाऊँ सीमित ।।
सखा मेरा, मुझको प्यारा ।
जग से लगता फिर वो न्यारा ।।

हम हर पल साथ रहते ।
दिल की बात सदा सुनाते ।।
एक दूजे पर विश्वास अटूट ।
सपने में भी नही जाता टूट ।।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
सुरसा-सी नित बढ़ रही, लालच-वृत्ति दुरंत।
सुरसा-सी नित बढ़ रही, लालच-वृत्ति दुरंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
Neeraj Agarwal
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिल से
दिल से
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पास तो आना- तो बहाना था
पास तो आना- तो बहाना था"
भरत कुमार सोलंकी
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
Praveen Bhardwaj
Exercise is not expensive, Medical bills are.
Exercise is not expensive, Medical bills are.
पूर्वार्थ
What is the new
What is the new
Otteri Selvakumar
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
रुचि पूर्ण कार्य
रुचि पूर्ण कार्य
लक्ष्मी सिंह
माँ।
माँ।
Dr Archana Gupta
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
बैगन के तरकारी
बैगन के तरकारी
Ranjeet Kumar
कलियुग की संतानें
कलियुग की संतानें
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
#शेर
#शेर
*प्रणय प्रभात*
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन उत्साह
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
और भी शौक है लेकिन, इश्क तुम नहीं करो
gurudeenverma198
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
संस्कृति के रक्षक
संस्कृति के रक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जनता मुफ्त बदनाम
जनता मुफ्त बदनाम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...