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23 Jul 2022 · 2 min read

संस्मरण मेरी जबलपुर यात्रा

संस्मरण
मेरी जबलपुर यात्रा
———————-
बेटे युवराज की परीक्षा 4जून को समाप्त हो गई थी।तो मेरा और बेटे का जबलपुर भाई के घर जाने का मन बना। भाई, भाभी भी बुला रहे थे।
हम रात 8बजे की ट्रेन से जबलपुर के लिए निकले , सुबह 6बजे स्टेशन पहुंच गए।
जहां भाई प्लैटफॉर्म में खड़े हमारा इंतजार कर रहे थे। जैसे ही हम उतरे ,
भाई ने कुली किया और सामान गाड़ी में रखवाया।
हम लोग घर पहुंचे जहां भाभी हमारे स्वागत के लिए बुके लेकर बच्चों के साथ खड़ी हुई थी जो उन्होंने मुझे और बेटे को दिए।
मां, पिता तो है नहीं। लेकिन भाई आलोक भाभी निशा का स्नेह माता पिता से कम नहीं है!
भाई भाभी का अनंत प्रेम पाकर मन
खुश हो गया।
फिर दूसरे दिन हम लोग रोज ही कहीं न कहीं घूमने का प्लान बनाते और रोज ही घूमने निकल जाते।
हम बड़े और बच्चे सभी। बहुत आनंद आता।एक दिन भाई ने सांची बौद्ध स्तूप दिखाने की तैयारी कर ली।
हम सभी भाई और बहन अपनी अपनी गाड़ी से सफर पर निकले।
और हम सभी घूमते, फिरते,
रूकते रास्ते में और रेस्तरां में चाय नाश्ता कर , फिर आगे बढ़ जाते।
हम सभी सांची पहुंचे , स्तूप देखा ।
वहां बहुत सैलानी थे।
और वहां हरियाली भी बहुत थी , जो धरा को पल्लवित कर रही थी।
हरी छटा देख मन भावन हो गया!
शाम होते ही हम सभी भोपाल बहन के साथ बहन के घर आ गए।
वहां भी हम सभी रूके। और भोपाल का बड़ा तालाब, और बिड़ला मंदिर गए। और तालाब भी ग ए।
जो किसी समुंदर से कम नहीं ,देखो तो कोई उसका किनारा ही नजर नहीं आता।
इतना विशाल फैला हुआ है तालाब,
और उसमे हजारों की तादाद में नाव, मोटरबोट,क्रूज आदि तालाब में देखने को मिलते हैं!!
और भोपाल की जो हरियाली है वो तो सुंदर छटा बिखेरती हैं साफ सुथरी सड़कें, भीड़ भी कम शांति और सुकून मिलती है।
ऐसा सुहाना सफर और अपनों का साथ और भी खूबसूरत हो जाता है।
और भाई, भाभी का अनमोल प्रेम एक यादगार पल बन गया।
जो सदा दिल में घंटियां बजाता है अपनों के बहुमूल्य प्यार की?
भाई ने हम सभी को घुमाया और फिर खुद घूमने के लिए निकल पड़े।
भाई को दोस्तों के साथ बैंकाक थाईलैंड जाना था।
वो वहां चले गए और भाई के आने का हमने इंतजार किया।
भाई जब लौटकर आ ग ए तो भाई से मिलकर हम भी कानपुर आ ग ए।
बेटे को एडमिशन लेना था।।
आज भी हम और बेटा सभी का प्रेम
याद करके खुश हो जाते हैं।
और बार-बार सभी से मिलने को मन तड़प उठता है।
प्रेम में अथाह शक्ति होती है।जो बयां नहीं कर सकते ——

सुषमा सिंह*उर्मि,,

Language: Hindi
325 Views
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