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31 May 2024 · 1 min read

संस्कृति संस्कार

उमंग उत्साह
मधुर व्यवहार
जीवन मूल्य उपहार
आचरण संस्कृति साकार।।

कंर्ण धार है नई सोच युवा
पीढ़ी का आवाहन शंखनाद
मर्यादा युग चेतना का
चमत्कार ।।

नित्य निरंतर साधना
आराधना अनुष्ठान
नेक नीयत कर्म धर्म
का भाग्य सौभाग्य ।।

निर्बाध यह यज्ञ चलता
रहे ईश्वर प्रेरणा का
प्रवाहित प्रवाह ।।

साहित्य समाज
जागृति जागरण का
शुद्ध सात्विक बोध
कर्म धर्म मर्म ज्ञान
राग बैराग्य ।।

Language: Hindi
93 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
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