संस्कृति के ठेकेदार
या तो ज़हर
पिला दे मुझको!
या फ़िर सूली
चढ़ा दे मुझको!!
अगर तेरा
मैं मुजरिम हूं तो!
चाहे जो भी
सज़ा दो मुझको!!
#हल्ला_बोल #सियासत #कविता #Politics
या तो ज़हर
पिला दे मुझको!
या फ़िर सूली
चढ़ा दे मुझको!!
अगर तेरा
मैं मुजरिम हूं तो!
चाहे जो भी
सज़ा दो मुझको!!
#हल्ला_बोल #सियासत #कविता #Politics