संविधान से, ये देश चलता,
संविधान से, ये देश चलता,
संस्कृति, सभ्य बनाती है!
थाम अकेले पहलू को वह,
आज के युग के रावण बन गए।
नथ, गहनों को जंजीर बोलते,
क्या यही तुम्हारे संस्कार हैं.?
माँ का सिंदूर, पाखंड बताकर,
कहते.! हम आधुनिक बन गए।
✍️ ~ SPK Sachin Lodhi