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15 Jul 2016 · 1 min read

संविधान पर थूका है।

भारत माँ की आन बान औ स्वाभिमान पर थूका है।
अलगावी नेताओं ने अब संविधान पर थूका है।
अपनी दिल्ली चुप है फिर भी जाने किस मजबूरी में।
सिंह समक्ष सियारों ने ये आसमान पर थूका है।

प्रदीप कुमार।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 567 Views

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