संदेश देती पुस्तकः नहीं तुम्हारी तरह
संदेश देती पुस्तकः नहीं तुम्हारी तरह
पुस्तक का नामः नहीं तुम्हारी तरह
कविः रमेश जलोनिया
प्रकाशकः नवभारत प्रकाश डी-626, गली न. 1,
निकट ललिता मंदिर
अशोक नगर, दिल्ली- 110094
प्रथम संस्करणः 2016 मूल्यः 150.00
कवि प्राकृतिक की गोंद में बैठ कर कविता करता नज़र आ रहा है। ऐसा इस पुस्तक में देखने को मिलता है। कविता साफ सूथरी भाषा में लिखी गई है। भाषा में किसी तरह का प्रयोग नहीं किया गया है। संग्रह में 38 कविताओं को शामिल किया गया है। कविता में भाव का सुन्दर चित्रण किया गया है। जो मानव के लिए मानव मूल्यों का प्रतीक स्पष्ट होती है। माता-पिता का मान नामक कविता में सुन्दर घर के वातावरण को प्रकट करती है। अमूल्य कविता में वाणी के उपयोग पर जोर दिया गया है। सुमन नामक दो कविता है दोनों में जीवन के अनेक रंग दिखाने का प्रयास किया है। पानी नामक कविता में प्राकृतिक की सब से बड़ी देन पानी का चित्रण पेश किया है । लड़कियाँ नामक कविता में बेटी से परिवार है। मनुष्य व वृक्ष में प्राकृतिक के साथ मनुष्य का विश्लेषण किया है। देश नामक कविता में देश में प्राकृतिक स्थिति पेश की है। वाल्मीकि कविता में कवि वाल्मीकि को नमन किया है। निर्भया गेग रेप की धटना में सभी की भूमिका पर सवाल खड़ा करती है। क़ाजल नामक कविता में क़ाजल में आँखों से लेकर इज्जत तक का विश्लेषण किया है। समय व चाल में समय के फेर को प्रकट किया है। विचार कविता में जीवन के अनेक रंग दिखाने का प्रयास किया है। वहम में क्या क्या होता है ऐसा कुछ पेश किया है। प्यार व पैसा में मनुष्य के गिरने उठने का विवरण दिया है। कन्या भ्रुण पर विचार नामक कविता में समाजिक बुराई दिखाई है। रेल सफर नामक कविता बिना संग्रह अधूरा है। अतः इस पुस्तक में पढ़ने लायक सामग्री बहुत अच्छी है विषय वस्तु की दृष्टि से सफल काव्य संग्रह है। प्रतिभा के धनी कवि की सोच काफी गहरी है। कवि ने अपने जीवन के अनेक रंग पुस्तक में पेश किये है। पहली ही कविता को पुस्तक का शीषर्क बनया है। यह कवि की व्यकितगंत स्थिति सामने आई है। अतः कवि साधुवाद के पात्र है।
– बीजेन्द्र जैमिनी