संत गाडगे संदेश 2
गाडगे संदेश
शिक्षा स्वच्छता सभ्यता
सत्य है मानव गुण।
गाडगे वचन अनमोल है
सेवा भाव है पून।।
सेवा भाव है पून,
जग शेष रहे स्वाभिमान।
नम्र रहे मीठा कहे ,
ना करे विजय अभिमान ।।
कर धारण हृदय में
ग्रहण कीजिए दीक्षा ।
सारे जगत है यह
स्वच्छता सभ्यता शिक्षा।।
🌷🌷 गाडगे मंत्र🌷🌷
उच्चासन पर चढ़ चलों,
सुन गाडगे संदेश।
बिना शिक्षा के होत हैं,
मनु जीवन क्लेश।।
मनु जीवन क्लेश,
होता है पशु तुल्य समान।
ज्ञान वृद्धि न बढ़े,
न होता जग में सम्मान।।
नष्ट करों दुष्टों का ,
बढ़ता हुआ कुशासन।
शिक्षा, स्वच्छता से,
चढ़ चलों उच्चासन।।