संतोष
शिकायत भला क्यों करें हम किसी से
मिला है बहुत ज़िन्दगी के सफर से।
मिला जो नहीं, वो हमारा कहाँ था?
है हासिल हमें जो हमारा यहाँ था|
शिकायत करें वो जो किस्मत पे जीते
हमें क्या फिकर प्याले मेहनत के पीते
करे कर्म फल है विधाता के वश में
मिलेगा सदा जो भी हो अपने हक़ में |
डॉ मंजु सिंह