संतान मोह का दुष्परिणाम
संतान से अतिमोह का दुष्परिणाम ,
भोगते ही है वोह अज्ञानी अभिभावक ।
और इससे भी बड़ी मूर्खता वोह करते ,
जो दोषोरोपण करते दूसरों पर निर्रथक।
किसी के चेतावनी पर भी नहीं लेते संज्ञान,
व्यर्थ ही होगा इन मुढ़ो पर प्रयास अथक ।
धृतराष्ट्र और गांधारी का उदाहरण स्पष्ट है ,
अच्छा हो इनसे लें आज के अभिभावक सबक ।
अनुशासित न किया गया यदि संतान को,
तो यूं ही आदर्शों , संस्कार , मान मर्यादा ,
और कुल की हानी होगी ।
अपने कर्तव्य भूल जाते है जो स्वार्थी माता पिता ,
तो हर घर में महाभारत ही होगी ।
अतः अपने अतीत के दुष्परिणामों से यह शिक्षा
लेना प्रत्येक अभिहावकों के लिए अति आवश्यक।