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17 Apr 2023 · 1 min read

संजय भाऊ!

संजय भाऊ!
तुम्हारे अपने शासन काल में
दो निरीह साधुओं की नृशंस हत्या
भी पुलिस अभिरक्षा में हुई थी।
तब मुंह में दही जमा था क्या?
जो अब छाछ बन गया।।

👌प्रणय प्रभात👌

1 Like · 388 Views
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